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Minnal Murali Hindi Review | Minnal Murali Review | What is the story of Minnal Murali? | Is Minnal Murali English dubbed?

 

 ‘मिन्नल मुरली’ 


की इस खासियत ने दी मार्वेल और डीसी को मात, ये हिंदुस्तानी सुपरहीरो लाजवाब है

 फिल्म ‘मिन्नल मुरली’ में इसके लेखकों ने वह कर दिखाया है जो मार्वेल और डीसी के लेखक इतने साल बाद भी कर पाने में चूक जाते हैं। यहां हीरो और विलेन दोनों एक समान हैं। दोनों प्यार की तलाश में है। दोनों के साथ एक सा हादसा होता है। दोनों के पास एक सी सुपरपॉवर है। बस, इसका प्रयोग उन्हें हीरो और विलेन बना देता है। बहुत ही खूबसूरती से एक विचार धीरे से दर्शक के मन में यहां बिठा दिया जाता है कि ताकत मिलने से ही कोई शक्तिशाली या लोकप्रिय नहीं बन जाता, इसके लिए जरूरी है जनता का दिल जीतना और वह भी बिना किसी तरह की नौटंकी जमाए। जैसन हवालात में बंद है लेकिन वह हवालात का दरवाजा तभी तोड़ता है जब पुलिस उसे कहती है। सुपरहीरो की ड्रेस में भी वह तब ही आता है जब दुनिया उसे अपनी ताकत दिखाने को कहती है।
मिन्नल मुरली मूवी रिव्यू

Minnal Murali Movie Review:

What is the story of Minnal Murali? 

एक मजबूत पटकथा पर मलयालम सिनेमा की परंपराओं का पूरी तरह पालन करती हुई फिल्म ‘मिन्नल मुरली’ आगे बढ़ती है। फिल्म अपने कथ्य के हिसाब से थोड़ी सुस्त भले लगे लेकिन निर्देशक बासिल जोसफ अपनी चित्ताकर्षक कलाकारी से दर्शकों को बोर नहीं होने देते। उनके पास दर्शकों को रिझाने के लिए सब कुछ है। बेरोजगार युवा है। गुस्सैल जीजा है। लाचार बहन है। मामा को प्यार करने वाला भांजा है। हीरो अनाथ है। उसे पालने वाले को अपनी असलियत मजबूरी में उजागर करनी होत है। दो प्रेमिकाएं हैं। दोनों अपना प्यार जता नहीं पातीं। एक ब्रूसली की तरह किक मारकर आखिर में हीरो की मदद करती है। दूसरी कहानी का वह कैटलिस्ट (उत्प्रेरक) है जिसकी वजह से विलेन का अस्तित्व है।

 


 

निर्माता सोफिया पॉल की मलयालम फिल्म ‘मिन्नल मुरली’ जब खत्म होती है तो इसके एंड क्रेडिट्स में अभिषेक बच्चन से लेकर ऋतिक रोशन और अर्जुन कपूर के अलावा दर्जन भर से ऊपर हिंदी व गैरहिंदी फिल्मों के सितारों को धन्यवाद दिया गया है। वजह तो साफ नहीं लेकिन, इनके नाम देखकर ‘द्रोण’ और ‘कृष’ जैसी फिल्में याद आने लगती हैं। भारतीय सिनेमा में सुपरहीरो फिल्मों का चलन पुराना है। बहुत पीछे न भी जाएं तो हिंदी सिनेमा में हर दौर का सुपर सितारा एक न एक ऐसी फिल्म जरूर करने की कोशिश करता रहा है। अमिताभ बच्चन ‘अजूबा’ बने, तो अनिल कपूर ‘मिस्टर इंडिया’। शाहरुख खान ‘रा वन’ में दिखे, ऋतिक रोशन ने ‘कृष’ में कामयाबी पाई। दक्षिण में भी इस तरह की फिल्मों का सिलसिला दो साल पहले रिलीज हुई तमिल फिल्म ‘हीरो’ तक चलता आया है। लेकिन, मलयालम फिल्म ‘मिन्नल मुरली’ इन सब सुपरहीरो फिल्मों में अनूठी है और वह इसलिए कि फिल्म के क्लाइमेक्स से पहले ये किरदार पूरी तरह से आम इंसान ही बना रहता है। वह अपने भीतर के सुपरहीरो को तब दुनिया के सामने लाता है जब उसे लगता है कि इसके बिना अब काम चलेगा नहीं और तबाही रोकने के लिए ऐसा जरूरी है।



फिल्म ‘मिन्नल मुरली’ के सुपरहीरो का दुनिया को अपनी ताकत दिखाने से बचते रहना ही इस फिल्म की जीत है। वह मार्वेल या डीसी कॉमिक्स की फिल्मों की तरह शो ऑफ करने वाला सुपरहीरो नहीं है। वह कहता तो नहीं है लेकिन उसे पता है कि ज्यादा ताकत ज्यादा जिम्मेदारी भी लेकर आती है। जैसन यहां एक दर्जी का काम करने वाला युवा है जो अमेरिका जाने की ख्वाहिश रखता है। उसका भांजा सुपरहीरो के मामले में उसके ज्ञान की कुंजी है। बिजली गिरने से उसके भीतर बदलाव आते हैं और वह धीरे धीरे ही सही पर समझ जाता है कि उसके हाथों में भीम सी ताकत है और पैरों में हनुमान सी रफ्तार। दोनों ताकतें तमाम विदेशी कार्टूनों में भी खूब दिखाई गई हैं और इसमें कोई नयापन भी नहीं है। नयापन है फिल्म ‘मिन्नल मुरली’ के लेखन और निर्देशन में।

 Is Minnal Murali English dubbed? |

 The movie has been dubbed in eight languages, including Spanish and Portuguese, and subtitled in 38 languages ​​besides English. Minnal Murali is played by Tovino Thomas in the film directed by Basil Joseph and produced by Sophia Paul.

 Who is Minnal Murali villain?

Guru Somasundaram played the role of Shibu and Shelly Kishore portrayed the character of Usha in 'Minnal Murali'

 

Who is the director of Minnal Murali?

Basil Joseph is an Indian film director and actor who works in the Malayalam film industry

 


निर्देशक बासिल जोसफ को फिल्म ‘मिन्नल मुरली’ में अपनी तकनीकी टीम से भी अच्छी मदद मिली है। फिल्म का संपादन हालांकि कमजोर है और संगीत में भी फिल्म कोई असर छोड़ने में नाकाम रहती है लेकिन फिल्म की सिनेमैटोग्राफी के लिए समीर ताहिर की तारीफ बनती है। आम भारतीय जीवन को उन्होंने बहुत ही सुंदरता से कैमरे में कैद किया है और एक सुपरहीरो फिल्म होने के बावजूद आखिरी फ्रेम तक कथ्य पर ग्लैमर को हावी नहीं होने दिया है। फिल्म का कला निर्देशन और वेशभूषा सज्जा भी अपनी कहानी को मदद करती है। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से आप भी बचकर रहिए। अगर डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई फिल्म ‘एन्कांतो’ आपने देख ली है तो फिल्म ‘मिन्नल मुरली’ जरूर देख लीजिए और नही तो दोनों फिल्में बैक टू बैक बिंज वॉच भी नए साल से पहले की छुट्टियों में जरूर कर लीजिए। सिनेमा का असली आनंद आ जाएगा।

 


 

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